जिस वक्त WhatsApp ऐप ने काम करना शुरू किया उस समय फ्री मैसेजिंग के लिए स्काइप, बीबीएम, जीचैट इत्यादि थे लेकिन WhatsApp उन सभी से ज्यादा आसान था उपयोग करना |
वॉट्स ऐप बानाते हुए ब्रायन ऐक्टन (Brian Acton) और जेन कोयुम (Jan Koum) आपस में एक दूसरे से WhatsApp पर बात करके उसे टेस्ट करते थे। उस वक्त भी WhatsApp ऐप में राइट के दो निशान का मतलब होता था कि मैसेज दूसरे फोन में पहुंच गया है, और ब्रायन ऐक्टन (Brian Acton) को यह अहसास हुआ यह शायद लोगों के लिए अच्छा काम आ सकता है |
इसके बाद ब्रायन ऐक्टन (Brian Acton) और जेन कोयुम (Jan Koum) काम करते गए। फिर एक छोटा सा ऑफिस खोला जहां कुछ लोग मिलकर काम करते रहे। जेन कोयुम (Jan Koum) और ब्रायन ऐक्टन (Brian Acton) भी कोडिंग पर लगातार काम करते रहे। इस बीच इनका काम चलता रहा और बीबीएम और आईफोन और बाकी स्माइर्टफोन इस्तेमाल करने वाले दोस्त इन्हें मेल लिखते रहे और वाट्स ऐप के बार में पूछते रहे। ये सारे लोग उत्साहित थे क्योंकि वे एक ऐसा फ्री ऐप इस्तेमाल करने वाले थे जिसे दुनिया में कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्हें यह बहुत ही बेहतरीन आइडिया लग रहा था कि एक छोटे से ऐप से इतनी आसानी से दुनिया के किसी भी कोने में बैठा इंसान अपनी कोई भी तस्वीर या वीडियो किसी को इतनी आसानी से भेज सकता है, और बात कर सकता है ।