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Success Story of Facebook & Mark Zuckerberg in Hindi - फेसबुक और मार्क जकरबर्ग की सफलता की कहानी



दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साईट में फेसबुक हमेशा से आगे है | फेसबुक एक फ्री सोशल साईट है फेसबुक ने अपने आप को दुनिया में इस तरह स्थापित कर रख है कि अभी तक फेसबुक के मुकाबले कोई दूसरा सोशल नेटवर्किंग साईट नहीं बनी है | फेसबुक दुनिया में सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला सोशल साईट है तो आइये जानते है फेसबुक कैसे बना ?



फेसबुक को मार्क जकरबर्ग ( Mark Zuckerberg ) ने अपने कॉलेज, होस्टल के कमरे में बनाया था | 

मार्क जकरबर्ग ( Mark Zuckerberg ) का जन्म अमेरिका के White plain, New York में 14 मई 1984 को हुआ था | मार्क जकरबर्ग ( Mark Zuckerberg ) के पिता Edward Zuckerberg एक दंत चिकित्सक है और इनकी माता Karen Zuckerberg एक मनोचिकित्सक हैं | शुरू से ही मार्क जकरबर्ग ( Mark Zuckerberg ) को प्रोग्रामिंग में रूचि रही है | मार्क जकरबर्ग ( Mark Zuckerberg ) जब 12 वर्ष के थे और स्कूल में पढ़ रहें थे तभी उन्होंने Atari BASIC का उपयोग करके messaging program बनाया था जिसका मार्क जकरबर्ग ( Mark Zuckerberg ) ने “Zucknet” नाम दिया था। मार्क जकरबर्ग के पिता इस program का उपयोग अपने दाँतो का कार्यालय में करते थे | ताकि दन्त रोगी का सेवा करने वाला (जो दन्त चिकित्सक के कार्यालय के बहार खड़ा होने वाला व्यति) कमरे में आये बिना एक नया रोगी की सुचना दे सके। मार्क जकरबर्ग द्वारा बनाया गया Zucknet program का उपयोग मार्क जकरबर्ग का पूरा परिवार घर के भीतर बातचीत करने के लिए भी इस्तेमाल करते थे । इसके बाद मार्क जकरबर्ग ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर मनोरंजन के लिए एक कंप्यूटर गेम भी बनया था।


इसके बाद मार्क जकरबर्ग की कंप्यूटर में बढती रूचि को बनाये रखने के लिए, Mark के माता-पिता ने पर्सनल कंप्यूटर के शिक्षक “David Newma” को हर सप्ते में एक बार घर आकर और Mark के साथ काम करने के लिए काम पर रखा था | इसके बाद मार्क जकरबर्ग ने अपने उच्च माध्यमिक स्कूल में मीडिया MP3 प्लेयर भी बनाया जिससे एक MP3 प्लेयर की लिस्ट बन जाती थी इस लिस्ट में अपने आप यूजर के एक्टिविटी से MP3 लिस्ट बनती जाती थी |



अब फेसबुक का निर्माण: सबसे पहले मार्क जकरबर्ग के पास सोशल नेटवर्क साईट बनाने का आईडिया लेकर दिव्य नरेन्द्र आया था। दिव्य नरेन्द्र ट्विन्स टाइलर और कैमरों विन्क्लेवोस का पार्टर था। दिव्य नरेन्द्र ने मार्क जकरबर्ग को सोशल साईट बनाने का कहा था जिसका नाम “Harvard Connection” होगा। नरेंद्र और जुड़वाँ विंकलेवोस के साथ एक प्राइवेट मीटिंग के बाद मार्क जकरबर्ग ने इस काम को करने के लिए तैयार हो गए | फिर उसी हार्वर्ड कनेक्शन पर काम करने के दौरान ही मार्क जकरबर्ग को खुदकी एक सोशल साईट बनाने का विचार आया। अपने इस बहतरीन आईडिया को आगे बढाने के लिए फ़रवरी 2004 में मार्क जकरबर्ग thefacebook.com वेबसाइट अपने मित्र Eduardo Saverin के साथ मिलकर बनाना शुरू किया | जब फेसबुक पर 4000 ट्रैफिक हो गए तब मार्क जकरबर्ग और उसके पार्टनर eduardo ने कुछ और नए programmers को काम पर लगाया जो वेबसाइट पर अच्छे तरीके से काम कर सके | 2005 में Facebook को पुरे USA के सभी संस्थानों और विश्वविद्यालयो में उपयोग करने योग्य बन गई। मार्क जकरबर्ग ने यह साईट दो छात्रों को compare करने के लिए बनाया था यह साईट स्टूडेंट के लिए ही बनाया गया था | कुछ समय बाद thefacebook.com से इसका नाम facebook.com कर दिया गया | मार्क जकरबर्ग ( Mark Zuckerberg) का पूरा नाम मार्क एलियट जकरबर्ग (Mark Elliot Zuckerburg) है |
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